मगध विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग और आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ ने ‘क्रायोस्फीयर एवं ग्लेशियर का विहंगम दृष्टिकोण’ पर व्याख्यान का आयोजन किया। मुख्य वक्ता प्रो. मसूद अहसन सिद्दीकी ने…
मगध विश्वविद्यालय के भूगोल विभाग और आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को “क्रायोस्फीयर एवं ग्लेशियर का विहंगम दृष्टिकोण” विषय पर एक विशेष व्याख्यान का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य वक्ता जामिया मिल्लिया इस्लामिया, नई दिल्ली के भूगोल विभाग के प्रो. मसूद अहसन सिद्दीकी थे। प्रो. सिद्दीकी ने अपने संबोधन में क्रायोस्फीयर की अवधारणा, उसके घटकों तथा वैश्विक जलवायु पर इसके प्रभावों की वैज्ञानिक व्याख्या की। उन्होंने ग्लेशियरों की उत्पत्ति, संरचना, वर्तमान स्थिति और जलवायु परिवर्तन से पड़ने वाले प्रभावों पर विस्तार से चर्चा की। साथ ही आर्कटिक, अंटार्कटिक और हिमालयी ग्लेशियरों का तुलनात्मक अध्ययन प्रस्तुत कर छात्रों को वैश्विक परिप्रेक्ष्य में सोचने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता विज्ञान संकायाध्यक्ष एवं भूगोल विभागाध्यक्ष प्रो. वीरेंद्र कुमार ने की। उन्होंने स्वागत भाषण में व्याख्यान की प्रासंगिकता को रेखांकित किया और मुख्य अतिथि को पुष्पगुच्छ, अंगवस्त्र एवं स्मृतिचिह्न प्रदान कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन राकेश कुमार ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन डॉ. नीरज कुमार सिंह ने प्रस्तुत किया। इस अवसर पर कुलानुशासक प्रो. उपेंद्र कुमार, आईक्यूएसी समन्वयक प्रो. मुकेश कुमार सहित विभाग के सभी शिक्षक, शोधार्थी एवं छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।