अनिल अंबानी के वकील ने कहा कि एसबीआई का रिलायंस कम्युनिकेशंस लोन अकाउंट्स को धोखाधड़ी वाला बताने का आदेश चौंकाने वाला है। वकील के मुताबिक यह फैसला एकतरफा और प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का भी उल्लंघन करता है।
उद्योगपति अनिल अंबानी के वकील ने दिवालिया हो चुकी कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस के लोन अकाउंट्स को फ्रॉड के रूप में वर्गीकृत करने का विरोध करते हुए भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को पत्र लिखा है। दिल्ली स्थित अग्रवाल लॉ एसोसिएट्स ने अपने मुवक्किल अनिल अंबानी की ओर से एसबीआई के एकपक्षीय आदेश पर आश्चर्य व्यक्त किया। दो जुलाई को लिखे गए पत्र में कहा गया कि बैंक के इस कदम ने आरबीआई के दिशानिर्देशों के साथ अदालती निर्देशों का भी उल्लंघन किया है।
क्या कहा रिलायंस कम्युनिकेशंस ने?
रिलायंस कम्युनिकेशंस (आरकॉम) ने शेयर बाजारों को भेजी सूचना में कहा कि एसबीआई 2016 के एक मामले में कथित तौर पर पैसा दूसरी जगह भेजने का हवाला देते हुए उसके कर्ज खाते को धोखाधड़ी के रूप में वर्गीकृत कर रहा है। अनिल अंबानी के वकील ने कहा कि एसबीआई का आरकॉम लोन अकाउंट्स को धोखाधड़ी वाला बताने का आदेश चौंकाने वाला एवं एकतरफा है और यह प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों का भी उल्लंघन करता है।
आरबीआई के दिशानिर्देशों का उल्लंघन
वकील ने कहा कि एसबीआई का आदेश उच्चतम न्यायालय और मुंबई उच्च न्यायालय के विभिन्न फैसलों के साथ आरबीआई के दिशानिर्देशों का सीधा उल्लंघन है। पत्र में वकील ने कहा कि एसबीआई ने कारण बताओ नोटिस की अमान्यता के बारे में अंबानी के संचार का लगभग एक साल तक जवाब नहीं दिया है। वकील ने कहा कि एसबीआई ने अंबानी को अपने आरोपों के खिलाफ दलीलें पेश करने के लिए व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर भी नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि अंबानी कानूनी सलाह के अनुरूप मामले को आगे बढ़ा रहे हैं।
कुल 31,580 करोड़ रुपये का कर्ज
जानकारी के मुताबिक टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्युनिकेशंस और उसकी सब्सिडयरी कंपनियों को बैंकों से कुल 31,580 करोड़ रुपये का कर्ज मिला था। यह कंपनी फिलहाल परिसमापन प्रक्रिया से गुजर रही है। धोखाधड़ी पहचान समिति की रिपोर्ट के अनुसार, कुल लोन में से 13,667.73 करोड़ रुपये यानी करीब 44 प्रतिशत का उपयोग कर्ज और अन्य दायित्वों के पुनर्भुगतान में किया गया। कुल लोन का 41 प्रतिशत यानी 12,692.31 करोड़ रुपये की राशि का उपयोग संबंधित पक्षों को भुगतान करने के लिए किया गया।