ऋषभ पंत बेखौफ अंदाज में बैटिंग के लिए जाने जाते हैं। ऑस्ट्रेलिया दौरे पर फेल रहे पंत की बचकाना शॉट खेलकर आउट होने के लिए आलोचना झेलनी पड़ी थी। इंग्लैंड के खिलाफ 5 टेस्ट मैच की सीरीजसे पहले सचिन तेंदुलकर ने कहा है कि पंत को स्वाभाविक खेल खेलना चाहिए लेकिन हालात के अनुसार कभी-कभी संयम बरतना चाहिए।
भारत और इंग्लैंड के बीच 5 टेस्ट मैच की सीरीज का शुक्रवार से आगाज होने जा रहा है। इसी के साथ शुरू होने जा रहा है दोनों टीमों का वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप 2025-27 का चक्र। विराट कोहली, रोहित शर्मा और आर अश्विन जैसे दिग्गजों के संन्यास के बाद युवा कंधों पर जिम्मेदारी है। शुभमन गिल कप्तान हैं और उनके नायब हैं ऋषभ पंत। पंत अपने बेखौफ अंदाज के लिए जाने जाते हैं लेकिन ऑस्ट्रेलिया दौरे पर उनका प्रदर्शन बहुत खराब रहा था। उनके अप्रोच को लेकर आलोचना होती है। ऐसे में महान सचिन तेंदुलकर की बात उन्हें गांठ बांध लेनी चाहिए। उन्होंने बताया है कि अगर वह कप्तान होते तो पंत के साथ क्या करते, उन्हें क्या कहते।
पंत अपनी आक्रामक बैटिंग के दौरान जिस तरह कभी-कभी अपना विकेट फेंक देते हैं, वो न तो फैंस को रास आता है और न ही एक्सपर्ट्स और पूर्व क्रिकेटरों को। 2 दिग्गज बल्लेबाजों के संन्यास के बाद अब उनकी जिम्मेदारी बढ़ गई है और उनसे परिपक्वता के साथ बैटिंग की उम्मीद की जा रही है। कई बार वह बचकाना शॉट मारकर आउट हो चुके हैं। उपकप्तान के तौर पर भी हालात के अनुसार और दबाव वाली परिस्थितियों में उनके फैसला लेने की क्षमता का इम्तिहान है। सचिन तेंदुलकर का कहना है कि पंत को परिपक्वता दिखाने की जरूरत है। हालांकि उन्होंने कहा कि वह पंत को अपनी स्वाभाविक शैली को छोड़ने को को नहीं कहेंगे, बस दबाव वाली स्थितियों में ज्यादा संयम बरतने की जरूरत है।
ईएसपीएन क्रिकइंफो के साथ बातचीत में सचिन तेंदुलकर ने कहा, ‘उसे ज्यादातर वक्त अपने स्वाभाविक खेल पर चलना चाहिए लेकिन कभी-कभी हालात ऐसे होंगे जब उन्हें टीम के हित में अपने खेल में संयम दिखाना होगा।’
सचिन ने कहा, ‘उसे लचीलापन दिखाना होगा। अगर हालात ऐसे हों कि आप मैच बचाना चाहते हैं तब उसे रक्षात्मक रुख अपनाना होगा, जैसे 1 घंटे तक के लिए या 45 मिनट के लिए या कभी-कभी 2 घंटे के लिए। उस दौरान उसे बस अपने जोखिम वाले शॉट्स से बचना होगा और आक्रामक नहीं होना होगा। वह सकारात्मक रहे लेकिन हालात के हिसाब से शॉट का चयन करे।’
सचिन तेंदुलकर ने यह भी बताया कि अगर वह कप्तान होते तो ऋषभ पंत को कैसे हैंडल करते। उन्होंने कहा कि वह उसे अपनी आक्रामक शैली के साथ फ्री हैंड होकर खेलने को कहते लेकिन जब कभी भारत को मैच बचाने की जरूरत होती तब वह उससे जिम्मेदारी से खेलने की अपेक्षा रखते।
तेंदुलकर ने कहा, ‘अगर मैं कप्तान होता तो 10 में से 9 बार यही कहता- जाओ और अपना गेम खेलो, किसी चीज का फिक्र क्यों करना। अगर मैच बचाने की दरकार हो तब अप्रोच में थोड़ा बहुत बदलाव जरूर करो, वरना मैं तो उसे यही कहता कि जाओ और खुद की तरह खेले और तुम्हें टीम के हित में जो बेस्ट लगता है, वह करो।’