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Rain Alert – Delhi Monsoon: दिल्ली में एंट्री को तैयार मॉनसून, टूटेगा 12 साल का रिकॉर्ड! आज भी बारिश-तूफान का अलर्ट – Monsoon ready to enter in Delhi IMD alert for rain and storm weather update rainfall alert ahlbs

मॉनसून ने अब उत्तर भारत के पहाड़ी इलाकों को भी कवर कर लिया है. भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के ताजा अपडेट के मुताबिक, मॉनसून अब पूरे लद्दाख को कवर कर चुका है और हिमाचल प्रदेश, जम्मू-कश्मीर के अधिकांश हिस्सों और पंजाब के कुछ हिस्सों में पहुंच गया है. वहीं, 24 जून तक राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली के अधिक भागों के साथ-साथ पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर के बचे हुए भागों में मॉनसून के पहुंचने के लिए मौसम की परिस्थितियां उपयुक्त हैं.

दिल्ली में बारिश का अलर्ट, कब आएगा मॉनसून?

अगर दिल्ली में पहली मॉनसूनी बारिश 24 जून को होती है तो यह 2013 के बाद से शहर में सबसे पहले आगमन हो सकता है. 2013 में 16 जून को पहली बारिश हुई थी. पिछले साल मॉनसून 28 जून को, 2023 में 25 जून को, 2022 में 30 जून को और 2021 में 13 जुलाई को दिल्ली पहुंचा था. बता दें कि दिल्ली में आज (23 जून) भी बारिश का अलर्ट है. यहां शाम के वक्त हल्की से मध्यम बारिश, बिजली और तेज़ हवाओं के साथ तूफान (30-40 किमी प्रति घंटा), वहीं, रात के समय हल्की से मध्यम बारिश, बिजली और तेज़ हवाओं के साथ तूफान (30-40 किमी प्रति घंटा) की संभावना है.

इन राज्यों में भी भारी बारिश का अलर्ट

वहीं, मौसम विभाग ने अलर्ट जारी करते हुए कहा, 26 जून तक उत्तर-पश्चिम भारत, मध्य प्रदेश, गुजरात और कोंकण और गोवा में भारी से बहुत भारी बारिश की भविष्यवाणी की है. मध्य प्रदेश में 23 और 24 जून को अत्यधिक भारी बारिश होने की संभावना है. पूर्वोत्तर राज्यों में अगले दो दिनों तक भारी से बहुत भारी बारिश होने की संभावना है और उसके बाद अगले चार दिनों तक हल्की बारिश हो सकती है.

इस साल समय से पहले मॉनसून की दस्तक

इस साल मॉनसून 24 मई को केरल पहुंचा, जो 2009 के बाद से भारतीय मुख्य भूमि पर सबसे पहले आगमन है, 2009 में ये 23 मई को पहुंचा था. मॉनसून की समय से पहले दस्तक देने की वजह अरब सागर और बंगाल की खाड़ी दोनों पर मजबूत मौसम प्रणालियां बनना है. जिससे मॉनसून तेजी से आगे बढ़ा और 29 मई तक मुंबई सहित मध्य महाराष्ट्र और पूरे पूर्वोत्तर तक पहुंच गया.

लेकिन उसके बाद 29 मई से 16 जून तक लगभग 18 दिनों तक प्रगति रुकी रही. जून के आरंभ में शुष्क मौसम के कारण तापमान में वृद्धि हुई तथा 8-9 जून के आसपास उत्तर-पश्चिम और मध्य भारत के बड़े हिस्से में गर्म हवाएं चलने लगीं. फिर 16 जून से 18 जून के बीच मॉनसून ने फिर रफ्तार पकड़ ली, जिसका कारण दो नए निम्न दबाव थे, एक पश्चिम बंगाल पर और दूसरा गुजरात पर.

क्या है मॉनसून की सामान्य तारीख?

आमतौर पर मानसून 1 जून तक केरल, 11 जून तक मुंबई, 30 जून तक दिल्ली और 8 जुलाई तक पूरे देश में पहुँच जाता है. यह आमतौर पर 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से पीछे हटना शुरू कर देता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है.

विशेषज्ञों का कहना है कि मॉनसून की शुरुआत की तारीख सीधे तौर पर इस बात को प्रभावित नहीं करती कि मौसम में कितनी बारिश होगी. इसलिए, भले ही यह केरल या मुंबई में जल्दी या देर से शुरू हो, इसका मतलब यह नहीं है कि यह अन्य जगहों पर भी ऐसा ही व्यवहार करेगा. वे यह भी कहते हैं कि मॉनसून वैश्विक, क्षेत्रीय और स्थानीय कारकों के मिश्रण पर निर्भर करता है और इसमें काफी भिन्नताएं देखने को मिलती हैं.

कहां-कितनी बारिश की संभावना?

मई में आईएमडी ने कहा था कि भारत में जून से सितंबर के मॉनसून सीजन के दौरान दीर्घावधि औसत यानी 87 सेमी की 106 प्रतिशत बारिश होने की संभावना है. इस औसत के 96 से 104 प्रतिशत के बीच बारिश को ‘सामान्य’ माना जाता है. लद्दाख, हिमाचल प्रदेश के निकटवर्ती भागों, पूर्वोत्तर तथा बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और ओडिशा के कुछ क्षेत्रों को छोड़कर देश के अधिकांश हिस्सों में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है. पंजाब, हरियाणा, केरल और तमिलनाडु के कुछ अलग-अलग क्षेत्रों में सामान्य से कम बारिश हो सकती है.

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