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MP Rainfall Weather LIVE Photos Update; Bhopal Indore Forecast| Monsoon Rainfall | चित्रकूट में बाढ़ जैसे हालात,पहाड़ी पर श्रद्धालुओं की एंट्री रोकी: भोपाल समेत 20 जिलों में बारिश, गुना में ट्रैक्टर-ट्रॉली नदी में बही, एक की मौत – Bhopal News

मानसूनी बारिश से पूरा मध्यप्रदेश तरबतर हो गया है। शनिवार को भोपाल समेत 20 से अधिक जिलों में बारिश हुई। सतना के चित्रकूट में शुक्रवार रात से हो रही बारिश से बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। यहां सड़कों पर घुटनों-घुटनों तक पानी भर गया है। गुप्त गोदावरी पहाड़ी प

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इधर, गुना में शनिवार सुबह नदी पार कर रही ट्रैक्टर-ट्रॉली बह गई। इसमें सवार चार लोग नदी में बह गए थे। हादसा फतेहगढ़ की कोहन नदी में हुआ। तीन युवकों की मौत की बात प्रशासन ने कही हैं। इनमें एक युवक का शव मिल गया है। वहीं बाकी दो युवकों की तलाश की जा रही है।

सीधी में 2 इंच पानी गिरा, रतलाम में सवा इंच से ज्यादा शनिवार को प्रदेश के कई जिलों में बारिश हुई। 9 घंटे के अंदर सीधी में 2 इंच बारिश हो गई। वहीं, रतलाम में सवा इंच से ज्यादा पानी गिरा। सतना में पौन इंच, रीवा-खजुराहो में आधा इंच से ज्यादा बारिश हुई। इसके अलावा भोपाल, धार, गुना, ग्वालियर, इंदौर, नर्मदापुरम, उज्जैन, छिंदवाड़ा, दमोह, मंडला, नौगांव, सागर, उमरिया, बालाघाट में भी बारिश दर्ज की गई।

देखिए बारिश की तस्वीरें

भोपाल में शनिवार शाम को कई इलाकों में बारिश हुई।

सतना जिले के चित्रकूट में बारिश के चलते सड़कों पर घुटनों-घुटनों तक पानी भर गया है।

सतना जिले के चित्रकूट में बारिश के चलते सड़कों पर घुटनों-घुटनों तक पानी भर गया है।

गुना में नदी पार कर रही ट्रैक्टर-ट्रॉली बह गई। इसमें एक युवक की मौत हो गई। दो लापता है।

गुना में नदी पार कर रही ट्रैक्टर-ट्रॉली बह गई। इसमें एक युवक की मौत हो गई। दो लापता है।

रतलाम में शनिवार सुबह से बारिश की दौर जारी रहा। यहां हनुमान ताल में पानी भर गया।

रतलाम में शनिवार सुबह से बारिश की दौर जारी रहा। यहां हनुमान ताल में पानी भर गया।

छिंदवाड़ा में शनिवार शाम को तेज हवाओं के साथ बारिश होने लगी।

छिंदवाड़ा में शनिवार शाम को तेज हवाओं के साथ बारिश होने लगी।

शहडोल में शनिवार शाम को तेज बारिश होने लगी। सड़कों पर पानी भर गया।

शहडोल में शनिवार शाम को तेज बारिश होने लगी। सड़कों पर पानी भर गया।

इन सिस्टम की वजह से ऐसा मौसम प्रदेश के ऊपर से एक लो प्रेशर एरिया (कम दबाव का क्षेत्र) गुजर रहा है। वहीं, पश्चिमी हिस्से से ट्रफ की एक्टिविटी है। ये दोनों ही सिस्टम स्ट्रॉन्ग है। इस वजह से पूर्वी और उत्तरी हिस्से में अति भारी या भारी बारिश का अलर्ट है। इसके अलावा एक साइक्लोनिक सर्कुलेशन और ट्रफ भी सक्रिय है, जो पूरे प्रदेश में कहीं तेज तो कहीं हल्की बारिश करा रहे हैं।

5 दिन में पूरा प्रदेश कवर इस बार देश में मानसून 8 दिन पहले ही आ गया था। महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में यह तय समय से पहले पहुंच गया। ऐसे में अनुमान था कि मध्यप्रदेश में भी यह जून के पहले सप्ताह में ही आ जाएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

पिछले 15 दिन से मानसून महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़ में एक ही जगह पर ठहरा रहा। इस वजह से एमपी में इसकी एंट्री नहीं हो पाई। 13-14 जून को मानसून आगे बढ़ा। बावजूद यह प्रदेश में 1 दिन लेट हो गया।

हालांकि, 3 दिन में ही मानसून ने प्रदेश के 53 जिलों को कवर कर लिया। वहीं, एक ठहराव के बाद शुक्रवार को बाकी बचे 2 जिले भिंड और मऊगंज में भी मानसून एंटर हो गया। इस तरह 5 दिन में ही मानसून ने पूरे प्रदेश को कवर कर लिया है। एमपी में मानसून के प्रवेश की सामान्य तारीख 15 जून ही है। पिछले साल यह 21 जून को एंटर हुआ था।

अब जानिए, 10 साल में कैसा रहा मौसम…?

भोपाल में 15 जून तक तेज गर्मी राजधानी में जून महीने में तेज गर्मी और बारिश दोनों का ही ट्रेंड है। पिछले 10 साल में 15 जून से पहले तेज गर्मी का असर रहा। 4 साल तो टेम्प्रेचर 45 डिग्री के पार पहुंच गया। वहीं, रात का टेम्प्रेचर 17.4 डिग्री तक आ गया। साल 2020 में सबसे ज्यादा 16 इंच बारिश हुई थी।

वहीं, पिछले साल 2024 में पूरे महीने 10.9 इंच पानी गिरा था। 10 साल में दूसरी बार इतनी बारिश हुई थी। वहीं, 24 घंटे में करीब 5 इंच पानी बरसा था।

इंदौर में पिछले साल हुई थी 4 इंच बारिश जून में इंदौर में दिन के टेम्प्रेचर में खासी गिरावट होती है। पिछले 5 साल यानी- 2020, 2021, 2022, 2023 और 2024 में जून में कम गर्मी पड़ी। पारा 39.6 से 41.1 डिग्री के बीच रहा है। पिछले साल 40.6 डिग्री तक पारा पहुंचा था। इस महीने कोटे की 20 प्रतिशत तक बारिश हो जाती है। पिछले साल करीब 4 इंच पानी गिरा था।

बारिश के ओवरऑल रिकॉर्ड की बात करें तो साल 1980 में यहां जून महीने में 17 इंच से ज्यादा बारिश हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक 5 इंच बारिश का रिकॉर्ड 23 जून 2003 को बना था। 3 जून 1991 में इंदौर में दिन का पारा 45.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं, 12 जून 1958 को न्यूनतम तापमान 18.9 डिग्री सेल्सियस पहुंच गया था।

ग्वालियर में 47 डिग्री पार हो चुका टेम्प्रेचर ग्वालियर में मई के बाद जून भी तेज गर्मी रहती है। 10 साल के आंकड़ों की बात करें तो साल 2019 में अधिकतम तापमान 47.8 डिग्री तक पहुंच चुका है। वहीं, 2024 में पारा 45.7 डिग्री दर्ज किया गया था। इस महीने अमूमन तापमान 45 से 46 डिग्री ही रहता है।

मौसम विभाग के अनुसार, 11 जून 2019 में पारा 47.8 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है। वहीं, 1962 में पूरे महीने साढ़े 28 इंच बारिश हो गई थी। एक दिन में सर्वाधिक साढ़े 7 इंच बारिश का रिकॉर्ड 27 जून 1952 को बना था। साल 2024 में यहां पूरे महीने 5.7 इंच पानी गिरा था।

जबलपुर में 10 साल अच्छी बारिश मानसून की एंट्री के साथ ही जबलपुर में अच्छी बारिश होती है। यही से मानसून की एंट्री होती है, इसलिए अन्य जिलों की तुलना में जबलपुर में अच्छा पानी गिरता है। साल 2014 से 2023 तक के आंकड़ों पर नजर डाले तो कोटे की 30% तक बारिश हो चुकी है। पिछले साल 10 इंच से ज्यादा पानी गिरा था। इस बार भी जबलपुर के दक्षिण हिस्से से ही मानसून एंटर हो सकता है।

उज्जैन में भी अच्छी बारिश का ट्रेंड जून महीने में उज्जैन में भी अच्छी बारिश होने का ट्रेंड है। 2015 से 2023 के बीच उज्जैन में 2.5 से 8 इंच तक बारिश हो चुकी है। इस बार भी ऐसा ही मौसम रहने का अनुमान है। 20 जून तक यहां मानसून एंटर हो सकता है।

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