भारत और इंग्लैंड के बीच लीड्स टेस्ट में तीन दिनों का खेल पूरा हो चुका है. इस मुकाबले में भारतीय टीम ने अपनी पहली पारी में 471 रन बनाए, जिसके जवाब में इंग्लैंड की पहली पारी 465 रनों पर सिमटी. इसके बाद भारतीय टीम ने तीसरे दिन (22 जून) स्टम्प के समय अपनी दूसरी पारी में दो विकेट पर 90 रन बनाए, जिससे उसकी कुल बढ़त 96 रनों की हो गई.
लीड्स टेस्ट मैच में टीम इंडिया की रणनीति पर भी सवाल उठ रहे हैं. इंग्लैंड की पहली पारी 100.4 ओवरों तक चली. लेकिन इस दौरान शार्दुल ठाकुर से सिर्फ 6 ओवरों की गेंदबाजी कराई गई, जिसमें उन्होंने 38 रन दिए. शार्दुल को तो गेंदबाजी मोर्चे पर 39 ओवरों के बाद लगाया गया. पहले स्पेल में शार्दुल ने केवल 2 ओवर फेंके, इसके बाद उन्हें दूसरे एंड से लाया गया, जहां उन्होंने बस एक ओवर की गेंदबाजी की. फिर उन्होंने अपने तीसरे एवं आखिरी स्पेल में 3 ओवर की गेंदबाजी की.
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शार्दुल ठाकुर बतौर फास्ट बॉलिंग ऑलराउंडर इस मुकाबले में उतरे हैं. यानी उनकी पहली जिम्मेदारी गेंदबाजी में अच्छा करने की बनती है. लेकिन जब टीम ही उन पर भरोसा नहीं दिखाएगी तो उनका मनोबल तो जरूर गिरेगा. मात्र 6 ओवरों की गेंदबाजी… वो भी काफी इंतजार के बाद, ऐसे में हेड कोच गौतम गंभीर और कप्तान शुभमन गिल की रणनीति पर सवाल खड़े होंगे ही. प्रसिद्ध कृष्णा से लगातार गेंदबाजी कराई जा रही थी, जबकि वो काफी महंगे साबित हो रहे थे. वहीं मोहम्मद सिराज की इकोनॉमी रेट भी टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से उतनी अच्छी नहीं थी.
…तो कुलदीप या नीतीश रेड्डी को खिलाते!
अगर शार्दुल ठाकुर से ना के बराबर गेंदबाजी करानी थी, तो ये पूछना लाजिमी दिखाई दे रहा है कि उन्हें इस मुकाबले में क्यों खिलाया गया. शार्दुल की तरह तो नीतीश कुमार रेड्डी भी 5-10 ओवर कर लेते, ऐसे में उन्हें ही प्लेइंग-11 में मौका मिलता तो भारतीय टीम को एक बेहतरीन बल्लेबाज भी मिल जाता. स्पिनर कुलदीप यादव भी एक विकल्प हो सकते थे, जो किसी भी पिच पर बॉल को घुमाने की क्षमता रखते हैं. कुलदीप यदि प्लेइंग-11 में होते, तो रवींद्र जडेजा और उनकी जोड़ी कमाल कर सकती है.
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देखा जाए तो भारत के लिए पहली पारी में सबसे कसी हुई गेंदबाजी रवींद्र जडेजा ने की, ये अलग बात है कि उन्हें कोई विकेट नहीं मिला. इसके बाद जसप्रीत बुमराह का नंबर रहा, जिन्होंने 3.40 के इकोनॉमी रेट से 5 विकेट झटके. इंग्लैंड की पहली पारी में 9 मेडन ओवर रहे, जिसमें से पांच बुमराह और चार जडेजा ने फेंके. बाकी के भारतीय गेंदबाज महंगे साबित हुए. इसके चलते इंग्लैंड की पहली पारी में रनरेट 4.5 से ज्यादा का रहा.
पहली पारी में भारतीय गेंदबाजों का प्रदर्शन
जसप्रीत बुमराह: 24.4 ओवर, 5 मेडन, 83 रन, 5 विकेट, इकोनॉमी-3.40
मोहम्मद सिराज: 27 ओवर, 122 रन 2 विकेट, इकोनॉमी- 4.50
प्रसिद्ध कृष्णा: 20 ओवर, 128 रन, 3 विकेट, इकोनॉमी-6.40
रवींद्र जडेजा: 23 ओवर, 4 मेडन, 68 रन, 0 विकेट, इकोनॉमी-3.00
शार्दुल ठाकुर: 6 ओवर, 38 रन, 0 विकेट, इकोनॉमी-6.30
इस टेस्ट मैच में भारतीय टीम की खराब फील्डिंग ने सुर्खियां बटोरी हैं. इंग्लैंड की पहली पारी में भारतीय खिलाड़ियों ने 6 कैच छोड़े, जिसमें 4 कैच तो तेज गेंदबाज जसप्रीत बुमराह की गेंदों पर छूटे. यदि ये कैच लपक लिए गए होते, तो मैच में भारतीय टीम की स्थिति बेहद मजबूत होती.