दक्षिण-पश्चिम मॉनसून आज यानी मंगलवार, 17 जून को फिर आगे बढ़ा है. मॉनसून उत्तरी अरब सागर और गुजरात के अतिरिक्त भागों के साथ-साथ विदर्भ के बचे हुए हिस्सों में आगे बढ़ा है. इसके अलावा, मध्य प्रदेश के कुछ हिस्से, छत्तीसगढ़ के अधिकांश हिस्से, ओडिशा के शेष क्षेत्र, झारखंड के कुछ हिस्से, समूचा गंगा का तटीय क्षेत्र, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल के बचे हुए क्षेत्र और बिहार के कुछ हिस्से भी दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के प्रभाव में आ गए हैं. इसके साथ ही देश की राजधानी दिल्ली के मौसम में भी तब्दीली आई है. आज दोपहर से दिल्ली-नोएडा समेत इसके आसपास के इलाकों में हल्की बारिश शुरू हुई है.
इन इलाकों में होगी मॉनसूनी बरसात
मॉनसून की उत्तरी सीमा वर्तमान में दीसा, इंदौर, पंचमढ़ी, मंडला, अंबिकापुर, हजारीबाग और सुपौल से होकर गुजर रही है. अगले दो दिनों में मॉनसून के आगे बढ़ने के लिए मौसम संबंधी स्थितियाँ अनुकूल बनी हुई हैं. अनुमानित विस्तार में उत्तरी अरब सागर और गुजरात के शेष हिस्से, राजस्थान के कुछ क्षेत्र, मध्य प्रदेश के अतिरिक्त हिस्से, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार के शेष क्षेत्र और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्से शामिल हैं.
धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ेगा मॉनसून
मॉनसून की प्रगति के अलावा मंगलवार सुबह तक दो उल्लेखनीय कम दबाव वाली प्रणालियां देखी जा रही हैं. दक्षिण-पश्चिम बांग्लादेश और उससे सटे पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान पर बना कम दबाव वाला क्षेत्र उसी क्षेत्र में बना हुआ है. इस प्रणाली के धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की उम्मीद है, जो अगले 24 घंटों के भीतर पश्चिम बंगाल के गंगा के मैदान और उसके आसपास के इलाकों में और अधिक स्पष्ट हो जाएगी. इस विकास से क्षेत्र में बारिश और मॉनसून की सक्रियता बढ़ सकती है.
बता दें कि गुजरात से महाराष्ट्र तक मॉनसून आफत बनकर बरस रहा है. तेज आंधी-तूफान के साथ भारी बारिश से दोनों राज्यों के तमाम जिले पानी पानी हो गए हैं. गुजरात महाराष्ट्र से बिहार तक कई राज्यों में अब भी बारिश का अलर्ट जारी है.