दिल्ली-एनसीआर में गर्मी का कहर जारी है. 10 जून 2025 को अधिकतम तापमान 43.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया, जो सामान्य से 3.4 डिग्री ज्यादा था. लेकिन फील लाइक टेंपरेचर 48.9 डिग्री तक पहुंच गया, जिससे लोग परेशान भी हैं. आइए समझते हैं कि फील लाइक टेंपरेचर क्या है? यह क्यों इतना महत्वपूर्ण है?
फील लाइक टेंपरेचर क्या है?
फील लाइक टेंपरेचर, जिसे अपैरेंट टेंपरेचर भी कहा जाता है. वह तापमान है जो वास्तव में महसूस होता है, न कि थर्मामीटर पर दिखाया गया तापमान. यह तापमान हवा के तापमान, आर्द्रता (humidity) और हवा की गति के आधार पर तय होता है. उदाहरण के लिए, अगर हवा का तापमान 43 डिग्री है, लेकिन आर्द्रता बहुत ज्यादा है, तो फील लाइक टेंपरेचर 49 डिग्री महसूस हो सकता है.
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क्यों महत्वपूर्ण है फील लाइक टेंपरेचर?
फील लाइक टेंपरेचर हमें बताता है कि वास्तव में कितनी गर्मी या ठंड लग रही है. यह हमारे शरीर पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने में मदद करता है. उदाहरण के लिए…
- गर्मी में: ज्यादा आर्द्रता के कारण पसीना वाष्पीकृत नहीं हो पाता. शरीर ठंडा नहीं होता. गर्मी ज्यादा लगती है.
- ठंड में: हवा की गति के कारण शरीर से गर्मी तेजी से चली जाती है, जिससे ठंड ज्यादा लगती है.
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वैज्ञानिक तथ्य
फील लाइक टेंपरेचर की गणना करने के लिए कई वैज्ञानिक फॉर्मूले इस्तेमाल किए जाते हैं.
- हीट इंडेक्स (Heat Index): यह गर्मी और आर्द्रता के संयुक्त प्रभाव को मापता है. उदाहरण के लिए, अगर हवा का तापमान 43 डिग्री है और आर्द्रता 70% है, तो हीट इंडेक्स 48.9 डिग्री हो सकता है.
- विंड चिल (Wind Chill): यह ठंड और हवा की गति के संयुक्त प्रभाव को मापता है.
दिल्ली-एनसीआर में फील लाइक टेंपरेचर
10 जून 2025 को दिल्ली में…
- अधिकतम तापमान: 43.4 डिग्री सेल्सियस.
- आर्द्रता: 70% के आसपास.
- फील लाइक टेंपरेचर: 48.9 डिग्री सेल्सियस.
कैसे काम करता है फील लाइक टेंपरेचर?
फील लाइक टेंपरेचर की गणना करने के लिए हवा का तापमान (थर्मामीटर पर दिखाया गया तापमान), आर्द्रता यानी हवा में नमी की मात्रा, जो प्रतिशत में मापी जाती है. और हवा की गति किलोमीटर प्रति घंटे में मापी जाती है. इन डेटा को एक गणितीय फॉर्मूला में डाला जाता है, जो फील लाइक टेंपरेचर बताता है.
प्रभाव
फील लाइक टेंपरेचर का हमारे शरीर पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है…
- हीट स्ट्रोक: अगर फील लाइक टेंपरेचर बहुत ज्यादा है, तो हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है.
- डिहाइड्रेशन: शरीर को ठंडा रखने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है.
- थकान: गर्मी के कारण शारीरिक और मानसिक थकान बढ़ जाती है.
फील लाइक टेंपरेचर हमें बताता है कि वास्तव में कितनी गर्मी लग रही है. यह हमारे स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभाव को समझने में मदद करता है. दिल्ली-एनसीआर में 49 डिग्री तक फील लाइक टेंपरेचर के कारण लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. आर्द्रता और तापमान के संयुक्त प्रभाव से यह स्थिति और खराब हो जाती है. हमें गर्मी से बचाव के लिए पर्याप्त पानी पीना, हल्के कपड़े पहनना और धूप से बचना चाहिए.