राजस्थान के डीजीपी उत्कल रंजन (यूआर) साहू को राजस्थान लोक सेवा आयोग (RPSC) का अध्यक्ष बनाया गया है। राज्यपाल हरिभाऊ बागड़े ने इसका आदेश जारी कर दिया है। साहू की जगह अब प्रदेश में नए डीजीपी की नियुक्ति होगी।
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ओडिशा के रहने वाले यूआर साहू 1988 बैच के IPS अधिकारी हैं। 11 फरवरी 2024 को राजस्थान के डीजीपी बनाए गए थे। साहू की छवि ईमानदार पुलिस अफसर की रही है।
पिछले साल अगस्त में खाली हुआ था पद RPSC अध्यक्ष पद पर संजय श्रोत्रिय का कार्यकाल 1 अगस्त 2024 को खत्म हो गया था। मेंबर कैलाशचन्द मीणा को कार्यवाहक अध्यक्ष बनाया गया था। पिछले 10 महीने से कार्यवाहक अध्यक्ष के भरोसे ही काम चल रहा था। अब 10 महीने बाद फुल टाइम अध्यक्ष की नियुक्ति हुई है।
पीएम मोदी के बीकानेर दौरे के समय मिले थे संकेत यूआर साहू इंटेलिजेंस में लंबे समय तक रहे हैं। उनकी निर्विवाद और साइलेंट परफॉर्मर की छवि से केंद्र और पीएमओ तक भी उनके बारे में अच्छी राय रहती है। पीएम नरेंद्र मोदी के हालिया बीकानेर दौरे को नजदीक से देखने वालों को इसके संकेत मिल गए थे।
साहू प्रोटोकॉल के तहत पीएम की अगवानी में गए थे और बाकी जगह भी साथ थे। साहू को RPSC की जिम्मेदारी देने के पीछे पीएम मोदी तक उनके बारे में अच्छे फीडबैक को भी एक कारण माना जा रहा है।
राजस्थान दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और DGP यूआर साहू की मुलाकात कुछ इस अंदाज में हुई थी।
61 साल के हैं साहू, एक साल अध्यक्ष रहेंगे RPSC अध्यक्ष और मेंबर 62 साल तक की उम्र तक पद पर रह सकते हैं। यूआर साहू की जन्मतिथि 20 जून 1964 है। अभी वे 61 साल के हैं। अगले साल जून तक उनका कार्यकाल रहेगा। वे एक साल इस पद पर रहेंगे।
पहले कुछ समय कार्यवाहक अध्यक्ष रहे इससे पहले अध्यक्ष रहे डॉ. भूपेन्द्र यादव 1 दिसम्बर 2021 को रिटायर्ड हुए थे। इसके बाद आयोग सदस्य डॉ. शिव सिंह राठौड़ को 2 दिसम्बर 2021 से 29 जनवरी 2022 तक और डॉ. जसवंत सिंह राठी 1 फरवरी 2022 से 16 फरवरी 2022 तक कार्यवाहक अध्यक्ष रहे थे। इसके बाद सरकार ने संजय श्रोत्रिय को अध्यक्ष नियुक्त किया था।

राजस्थान लोक सेवा आयोग अध्यक्ष पद पर 10 महीने बाद नियुक्ति की गई है।
साहू के सामने RPSC की साख को बहाल करने की चुनौती यूआर साहू के सामने RPSC अध्यक्ष के तौर पर बहुत सी चुनौतियां हैं। पेपर लीक, पक्षपात, भाई-भतीजावाद और रिश्वत के आरोपों को लेकर इस संस्था की साख खराब हुई है। संस्था की चयन प्रकिया से लेकर कार्यप्रणाली पर पिछले लंबे समय से सवाल उठ रहे हैं। साहू के सामने इस संस्था की साख को फिर से बहाल करने और लोगों में भरोसा कायम करने की चुनौती रहेगी।
RPSC के पास अब RAS और बड़े पदों की भर्ती परीक्षाओं का जिम्मा है। पिछले लंबे समय से हर परीक्षा के पेपर से लेकर इंटरव्यू तक सवालों के घेरे में रही हैं। इन परीक्षाओं को लेकर हाईकोर्ट में ढेरों याचिकाएं लगी हुई हैं।
