राजस्थान के अलवर जिले के खेड़ली कस्बे में इंदौर के कारोबारी राजा रघुवंशी जैसा एक दिल दहला देने वाला हत्याकांड सामने आया है. एक महिला ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने ही पति को मौत के घाट उतार दिया. उसके 9 साल के बेटे ने अपनी आंखों के सामने अपने पिता की निर्मम हत्या देखी. इस वारदात की कहानी जब बच्चे ने सुनाई तो हर कोई हैरान रह गया. पुलिस ने आरोपी पत्नी सहित सभी आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है. इस मामले में अनीता, काशीराम और बृजेश जाटव को गिरफ्तार कर लिया गया है. तीन आरोपी विष्णु, नवीन और चेतन फरार हैं.
जानकारी के मुताबिक, यह भयानक वारदात 7 जून 2025 की रात को जिले के खेड़ली कस्बे में हुई. टेंट का व्यवसाय करने वाले 32 वर्षीय वीरू जाटव, जिन्हें मान सिंह जाटव के नाम से भी जाना जाता था, अपने घर में मृत पाए गए. शुरुआत में उनकी पत्नी अनीता ने दावा किया कि उनकी मौत अचानक किसी बीमारी के कारण हुई. उसने अपनी भाभी को फोन कर बताया कि वीरू को साइलेंट अटैक हुआ है. उनकी तबीयत बिगड़ने से मौत हो गई है. लेकिन वीरू के बड़े भाई गब्बर जाटव को इस कहानी पर संदेह हुआ. गले पर गला घोंटने के निशान ने उनके संदेह को और गहरा कर दिया.
खाट हिलने की आवाज सुन उठ गया बेटा
गब्बर जाटव ने तुरंत पुलिस में शिकायत दर्ज की, जिसके बाद इस मामले की गहन जांच शुरू हुई. इस हत्याकांड का सबसे महत्वपूर्ण गवाह बना वीरू और अनीता का 9 साल का बेटा, जिसने पुलिस को उस रात की पूरी घटना का विस्तृत बयान दिया. उसने बताया कि उस रात उसके पिता देर से घर लौटे थे. उन्होंने अपना फोन चार्ज करने को कहा था. अनीता ने बच्चे को जल्दी सोने के लिए कहा था. उस रात बच्चे को खाट हिलने की आवाज सुनाई दी. उसने आंखें खोलीं तो देखा कि उसकी मां ने घर का मुख्य दरवाजा खोल दिया था. बाहर अनीता का प्रेमी काशीराम प्रजापत खड़ा हुआ था.
बेटे ने कहा- मम्मी ने मेरे पापा को मरवा दिया
बच्चे ने बताया, “मैं डर गया था, इसलिए चुपचाप सब देखता रहा. वे लोग हमारे कमरे में आए. मम्मी खाट के सामने खड़ी थी. उन लोगों ने पापा को पकड़ लिया, उन्हें मुक्के मारे, उनके पैर और गला दबाया. काशी अंकल ने पापा के मुंह पर तकिया रखकर दबाया. मैंने पापा को बचाने की कोशिश की, लेकिन काशी अंकल ने मुझे गोद में उठाकर धमकाया और चुप रहने को कहा. मैं डर के मारे चुप हो गया. कुछ देर बाद पापा ने हिलना बंद कर दिया. फिर सब चले गए. मम्मी ने कुछ नहीं कहा, वह बस देखती रही. मम्मी बहुत बुरी है, उसने मेरे पापा को मरवा दिया.”
कचौड़ी का ठेला लगाता था अनीता का प्रेमी
पुलिस जांच में पता चला कि अनीता और वीरू का विवाह प्रेम विवाह था. दोनों की यह दूसरी शादी थी. अनीता पहले से तलाकशुदा थी और उसका एक बेटा था, जबकि वीरू भी अपनी पहली शादी से अलग हो चुका था. अनीता खेड़ली में एक छोटी सी जनरल स्टोर चलाती थी. वहां काशीराम प्रजापत कचौड़ी का ठेला लगाता था. उसके पास अक्सर आता-जाता था. दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ीं और प्रेम संबंध हो गया. वीरू को अपनी पत्नी के इस संबंध के बारे में पता चल गया था. इस वजह से दोनों के बीच विवाद होता था. इससे छुटकारा पाने के लिए वीरू की हत्या की साजिश रची गई.
2 लाख में हत्या की सुपारी, ऐसे गढ़ी कहानी
एसएचओ धीरेंद्र सिंह ने बताया, “यह हत्या पूरी तरह योजनाबद्ध थी. अनीता ने काशीराम के साथ मिलकर चार किराए के हत्यारों को 2 लाख रुपए में काम पर रखा था. हत्या की रात अनीता ने जानबूझकर घर का दरवाजा खुला छोड़ा, ताकि काशीराम और उसके साथी आसानी से अंदर आ सकें.” काशीराम ने अपने चार साथियों विष्णु, नवीन, चेतन, और बृजेश जाटव के साथ मिलकर वीरू पर हमला किया. सोते हुए वीरू को पहले मुक्कों और हमले से बेहोश किया गया. इसके बाद तकिए से उसका गला दबाकर हत्या कर दी गई. उसके बाद वीरू की मौत की झूठी कहानी गढ़ी गई.
अनीता संग तीन आरोपी गिरफ्तार, तीन फरार
वीरू की हत्या के बाद अनीता ने अपने रिश्तेदारों को फोन कर दावा किया कि वीरू की मृत्यु अचानक बीमारी के कारण हुई. लेकिन शव की स्थिति और चोटों ने गब्बर जाटव को शक के घेरे में ला दिया. पुलिस ने गब्बर की शिकायत पर हत्या का मामला दर्ज किया. पुलिस जांच के दौरान 100 से अधिक सीसीटीवी फुटेज की जांच की गई. फोन कॉल रिकॉर्ड्स का विश्लेषण किया गया. इन सबूतों के साथ बच्चे के बयान ने साजिश का पर्दाफाश कर दिया. पुलिस ने अनीता, काशीराम और बृजेश जाटव को गिरफ्तार कर लिया. तीन अन्य आरोपी फरार बताए जा रहे हैं.