देश की दूसरी सबसे बड़ी टेलिकॉम कंपनी (Telecom Company) एयरटेल (Airtel) के शेयरों में शुक्रवार को जोरदार तेजी देखी गई. कारोबार के अंत में Airtel के शेयर 3.04% चढ़कर 1934 रुपये पर बंद हुआ, यह कंपनी का ऑलटाइम हाई प्राइस भी है, हालांकि कारोबार के दौरान शेयर 1949 रुपये तक गया. एयरटेल के शेयरों ने पिछले 10 वर्षों में निवेशकों को दमदार रिटर्न दिया है.
खासकर पिछले एक दशक में भारती एयरटेल के शेयरों में शानदार तेजी दर्ज की गई है. हालांकि इस दौरान कंपनी को रिलायंस जियो से तगड़ा मुकाबला मिला. टेलिकॉम सेक्टर में जियो की एंट्री और कम लागत वाले डेटा प्लान का असर भारती एयरटेल के कारोबार पर भी पड़ा. इस अवधि में एयरटेल के शेयर की कीमतों में उतार-चढ़ाव देखा गया. लेकिन कंपनी ने रणनीति के तहत 4G बुनियादी ढांचे में भारी निवेश किया, जिससे इसका कर्ज भी बढ़ गया. इन चुनौतियों के बावजूद एयरटेल ने अपने ग्राहक आधार को बनाए रखा और इसके शेयर पर उसका असर दिखने लगा. साल 2018 में एयरटेल के शेयर की कीमत ₹400–500 के आसपास थी.
साल दर साल एयरटेल के शेयरों में तेजी
साल 2019 से 2022 तक की अवधि में एयरटेल के शेयरों में उल्लेखनीय सुधार देखा गया. कंपनी ने राइट्स इश्यू के माध्यम से भारी पूंजी जुटाई और स्पेक्ट्रम देय राशि का समयपूर्व भुगतान करके कर्ज कम किया, जिससे निवेशकों का विश्वास बढ़ा. यही नहीं, कोरोना काल के दौरान डेटा की डिमांड बढ़ने से कंपनी के कारोबार को बल मिला. साल 2020 में एयरटेल के शेयर का दाम 500 से 600 रुपये तक पहुंच गया, साल 2022 तक शेयर की कीमत 700 से 800 रुपये पहुंच गई.
पिछले तीन वर्षों में एयरटेल के शेयरों में जोरदार तेजी देखी गई. क्योंकि 5G रोलआउट और डेटा डिमांड में तेजी ने कंपनी की स्थिति को और मजबूत किया. 2023 में शेयर की कीमत बढ़कर 800 रुपये तक पहुंच गई और जिसके बाद साल 2024 में कंपनी ने अपने डिजिटल और क्लाउड सेवाओं पर ध्यान केंद्रित किया, जिससे शेयर की कीमत बढ़कर 1200 रुपये से पार निकल गई.
पिछले एक साल में इस लॉर्ज कैप कंपनी ने करीब 40 फीसदी रिटर्न दिया है. जबकि पिछले 5 साल में दमदार 244 फीसदी का रिटर्न मिला है, यानी अगर किसी ने 5 साल पहले एयरटेल के शेयर में 1 लाख रुपये लगाया होगा, तो उसका निवेश अब बढ़कर करीब 3.44 लाख रुपये हो गया होगा. शेयर ने पिछले 6 महीने में ही 22 फीसदी रिटर्न बनाकर दिया है.
भारती एयरटेल कंपनी के बारे में
भारती एयरटेल लिमिटेड की स्थापना 7 जुलाई, 1995 को सुनील भारती मित्तल द्वारा की गई थी. इसकी शुरुआत भारती सेल्युलर लिमिटेड के रूप में हुई, जिसने सबसे पहले दिल्ली में ‘एयरटेल’ नाम के तहत मोबाइल सेवाएं शुरू की थी. यह भारत के दूरसंचार क्षेत्र में एक परिवर्तनकारी यात्रा की शुरुआत थी, क्योंकि एयरटेल निजी ऑपरेटरों में से एक था, जिसने मोबाइल सेवाएं शुरू की थी.
गौरतलब है कि फरवरी 2002 में भारती एयरटेल का IPO आया था. उस समय, भारती एयरटेल को भारती टेली-वेंचर्स लिमिटेड के नाम से जाना जाता था. IPO में 18.5 करोड़ इक्विटी शेयर जारी किए गए, और IPO में शेयर की कीमत 45 प्रति शेयर थी. कंपनी ने करीब ₹834 करोड़ जुटाए. यह कदम भारत में मोबाइल क्रांति के दौर में आया, जब निजी दूरसंचार कंपनियां तेजी से बढ़ रही थीं. अब भारती एयरटेल का दबदबा ब्रॉडबैंड और DTH में भी है. कंपनी का 18 देशों में कारोबार अफ्रीका और दक्षिण एशिया तक फैला हुआ है.