Press "Enter" to skip to content

Varanasi News,BHU News: हिंदू राजा या मुगल…बीएचयू में सेलेबस पर विवाद, विभागध्यक्ष बोले विषय पर हो चुकी है चर्चा – hindu king or mughal controversy over syllabus in bhu department head said topic has already been discussed

अभिषेक कुमार झा, वाराणसी: भारतीय इतिहास के कई किरदारों को लेकर समय-समय पर विवाद उठते ही रहते हैं। महाराणा प्रताप, शिवाजी, राणा सांगा के नाम पर हालिया दिनों में विवाद हिंदुस्तान ने देखा है। सत्तारूढ़ दल के नेताओं की तरफ से लगातार ये तर्क भी दिया जाता है कि भारतीय हिंदू शासकों की जगह वामपंथी इतिहासकारों ने मुगलों और अरबी हमलावर शासकों के दौर को बहुत बढ़ा-चढ़ा कर बताया है। इसी बात को लेकर अब बीएचयू में फिर विवाद शुरू हो गया है।

दरअसल, बीए के पहले साल के सेलेबस में विषय निर्धारण को लेकर नई बहस शुरू हो गई है। सेलेबस के अनुसार, अब भी इतिहास में सिर्फ मुगल, तुर्क और अन्य अरब के आक्रांताओं के बारे में ही पढ़ाया जा रहा है। दूसरी ओर विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर घनश्याम ने इस आरोप का पूरी तरह से खंडन किया है। प्रोफेसर घनश्याम के अनुसार, नई शिक्षा नीति के तहत सेलेबस पर किसी तरह का कोई विवाद नहीं है। सेलेबस को लेकर 5 जून को मीटिंग हो चुकी है और ये महज ग्रेजुएशन के पहले और दूसरे साल का सेलेबस है। पूरे रीजनल हिस्ट्री के बारे में विस्तार से तीसरे और चौथे साल में पढ़ाया जाएगा। जुलाई के महीने में इस विषय को लेकर डिपार्टमेंट पूरी जानकारी एकेडमिक काउंसिल को भेज देगा

क्या है सेलेबस में?

नई शिक्षा नीति के तहत इस वर्ष बीए के पाठ्यक्रम को रिवाइज किया गया है। इस वर्ष बीए के शुरुआती दो वर्षों में प्राचीन , मध्ययुगीन और मॉडर्न हिस्ट्री के कई चैप्टर को समाहित किया गया है, लेकिन इन दो वर्षों में अन्य क्षेत्रीय हिन्दू राजाओं के बारे में बहुत कम बताने की कोशिश की गई है। इसी बात को लेकर अब बीएचयू के साथ नई शिक्षा नीति पर सवाल उठ रहे हैं।

क्या कहा विभाग के अध्यक्ष ने?

विभाग के अध्यक्ष प्रोफेसर घनश्याम ने एनबीटी ऑनलाइन से विस्तार से इस विषय पर चर्चा की। प्रोफेसर घनश्याम ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत अब बीए 4 वर्षों का कोर्स होगा। नए बच्चों को इतिहास की बेसिक जानकारी हो इसके लिए शुरुआती दो वर्षों में प्राचीन, मध्ययुगीन और मॉडर्न हिस्ट्री को पढ़ाया जा रहा है। इन दो वर्षों में बच्चों को सर्टिफिकेट और डिप्लोमा कोर्स के बराबर का दर्जा दिया जाएगा। जो बच्चे तीसरे और चौथे साल में डिग्री के लिए पढ़ाई करेंगे, उन्हें सभी रीजनल राजाओं के बारे में विस्तार से पढ़ाया जाएगा।
भारत का इतिहास इतना बड़ा और समृद्ध है कि दो तीन सेमेस्टर के सेलेबस में पूरी तरह से नहीं पढ़ाया जा सकता, इसीलिए पहले और दूसरे साल में जितना संभव हो सका है, बेसिक इतिहास को समाहित किया गया है। तोसरे और चौथे साल के छात्र दक्षिण से लेकर उत्तर और पूर्व से लेकर पश्चिम के सभी रीजनल राजाओं का इतिहास विस्तार से पढ़ेंगे।

सेलेबस पर 5 जून को हो चुकी है चर्चा

प्रोफेसर घनश्याम ने बताया कि बीए के जिस सेलेबस के हिस्से पर विवाद किया जा रहा है, उसमे 5 जून को ही विभागीय बोर्ड में चर्चा हो चुकी है। बोर्ड के सभी सदस्यों ने इस विषय पर अपनी सहमति दी है। जुलाई के पहले हफ्ते में ही सेलेबस के आगामी हिस्सो में रीजनल हिस्ट्री को विस्तार से समाहित कर मसौदा एकेडमिक कॉउंसिल को भेजा जाएगा।

Source link

More from NewsMore posts in News »