8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) में सरकार लंबे समय से चली आ रही कम्यूटेड पेंशन की मांग पर विचार कर सकती है। इसे 15 साल से घटाकर 12 साल तक किया जा सकता है। अगर ऐसा होता है तो इससे लाखों कर्मचारियों और पेशनर्स को फायदा होगा। वर्तमान में अगर कोई सरकारी कर्मचारी रिटायर होता है तो उसे 15 साल बाद पूरी पेंशन का लाभ मिलता है।
नई दिल्ली। केंद्र की मोदी सरकार लाखों सरकारी कर्मचारियों और पेंशनर्स को 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) में बड़ी राहत दे सकती है। पेंशन कम्यूटेशन को लेकर सरकार बड़ा फैसला ले सकती है। कर्मचारी संघ लंबे समय से कम्यूटेड पेंशन की बहाली का समय 15 साल से घटाकर 12 साल किए जाने की मांग करता आ रहा है। इसे लेकर आयोग अगले साल अपनी सिफारिशें भी दे सकता है। केंद्रीय कर्मचारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन नेशनल काउंसिल ने केंद्र सरकार को अपनी मांग के बारे में अवगत करा दिया है। उम्मीद की जा रही है कि 8वें वेतन आयोग में पेंशन कम्यूटेशन को भी जगह दी सकती है। इसका सीधा फायदा लाखों पेंशनर्स को होगा।
क्या होती है कम्यूटेड पेंशन?
अब यहां पर एक सवाल यह उठता है कि आखिर कम्यूटेड पेंशन होती क्या है? इसको आसान भाषा में समझे तो यह वह एकमुश्त पैसा होता है जो कर्मचारियों की पेंशन का एक हिस्सा होता है। रिटायर होते वक्त कर्मचारियों को एकमुश्त राशि लेने का विकल्प मिलता है। इसे ही पेंशन कम्यूटेशन कहा जाता है। हालांकि, सरकार मंथली पेंशन से कुछ राशि काट लेती है ताकि लमसम राशि की वसूली की जा सके।
अगर आप कम्यूटेड पेंशन के तहत एकमुश्त राशि लेते हैं तो सरकार आपके पेंशन से 15 साल तक कुछ राशि काटती है। इसके बाद आपको पूरी पेंशन देती है। लेकिन अब इसी को 15 साल से घटाकर 12 साल तक करने की मांग हो रही है। अगर 8वें वेतन आयोग में इसको हरी झंडी मिली है तो कर्मचारियों को 12 साल के भीतर ही पूरी पेंशन मिलने लगेगी।
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कर्मचारी यूनियनों और पेंशनर्स का इस मुद्दे को लेकर कहना है कि 15 साल का समय बहुत ही लंबा होता है। यह आर्थिक दृष्टिकोण से अनुचित है। क्योंकि ब्याजों दरों में कमी के कारण सरकार की वसूली की गणना में असमानता होती है, जिससे लाखों कर्मचारियों को अपनी पेंशन का एक मोटा हिस्सा गंवाना पड़ता है। अगर 15 साल की जगह इसे 12 साल कर दी जाए तो सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को फायदा होगा और उन्हें जल्द से जल्द पूरी पेंशन का लाभ मिल सकता है।
कर्मचारी यूनियनों और पेंशनर्स का इस मुद्दे को लेकर कहना है कि 15 साल का समय बहुत ही लंबा होता है। यह आर्थिक दृष्टिकोण से अनुचित है। क्योंकि ब्याजों दरों में कमी के कारण सरकार की वसूली की गणना में असमानता होती है, जिससे लाखों कर्मचारियों को अपनी पेंशन का एक मोटा हिस्सा गंवाना पड़ता है। अगर 15 साल की जगह इसे 12 साल कर दी जाए तो सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों को फायदा होगा और उन्हें जल्द से जल्द पूरी पेंशन का लाभ मिल सकता है।
सरकार ने दी मंजूरी तो कैसे मिलेगा कर्मचारियों को फायदा
नेशनल काउंसिल और कर्मचारी संगठनों ने पेंशन कम्यूटेशन को लेकर कैबिनेट सचिव को एक पत्र सौंपा है। इसमें इसकी अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल करने की मांग की गई है। अगर सरकार पेंशन कम्यूटेशन की अवधि को 15 साल से घटाकर 12 साल कर देती है तो रिटायर होने वाले कर्मचारियों को 12 साल में ही पूरी पेंशन मिलने लेगी। अगर इस नियम को पीछे से लागू किया जाता है तो मौजूदा और पुराने पेंशनर्स को भी इसका फायदा मिल सकता है।