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24 घंटे बाद मानसून की धमाकेदार वापसी : जमकर होगी बारिश, खरीफ सीजन की फसल के लिए अच्छी खबर – Monsoon Becoming Active It Will Rain Heavily Good News For Kharif Season Crops


एक्टिव हो रहा मानसून
– फोटो : गांव जंक्शन

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देश के दक्षिण इलाकों में समय से पहले पहुंचा मानसून, कुछ दिन पहले थम गया था। अब इसके फिर से एक्टिव होने की उम्मीद जग गई है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) ने जानकारी दी है कि दक्षिण-पश्चिम मानसून, जो इस वर्ष सामान्य से एक सप्ताह पहले 24 मई को केरल में दस्तक देने के बाद 29 मई को अस्थायी रूप से रुक गया था, अब 13 जून से फिर से सक्रिय होने की संभावना है। IMD के अनुसार, 12-15 जून के दौरान, दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावना है। 

कृषि सीजन की शुरुआत के लिए अनुकूल

मौसम विभाग ने कोंकण व गोवा में 13 और 14 जून को अत्यधिक भारी वर्षा होने की चेतावनी दी है। यह मानसूनी गतिविधियां देश के विभिन्न हिस्सों में वर्षा की बहाली और कृषि सीजन की शुरुआत के लिए अनुकूल मानी जा रही हैं। वहीं आईएमडी ने उत्तर-पश्चिम भारत, विशेषकर पश्चिमी राजस्थान, में भीषण लू की स्थिति गुरुवार तक जारी रहने की संभावना जताई है, जिसके बाद इसमें कमी आने की उम्मीद है।

अच्छी होगी बारिश

आईएमडी के अनुसार, मानसून 2025 के दौरान दीर्घकालिक औसत (LPA) वर्षा का 106% रहेगा, जो अप्रैल में जारी पूर्वानुमान (105%) से अधिक है। भारत का दीर्घकालिक औसत वर्षा 868.6 मिमी है। आईएमडी ने कहा कि मानसून सीजन (जून से सितंबर) 2025 के दौरान पूरे देश में सामान्य से अधिक बारिश होने की संभावना है। 

जानें क्षेत्रवार बारिश का पूर्वानुमान

क्षेत्रवार वर्षा अनुमान (जून-सितंबर 2025) की बात करें तो आईएमडी ने मध्य भारत और दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत में सामान्य से अधिक (LPA का >106%) बारिश होने की संभावना जताई है। इसके अलावा उत्तर-पश्चिम भारत में सामान्य (LPA का 92-108%), पूर्वोत्तर भारत में सामान्य से कम (LPA का <94%) की आशंका है। जून महीने में औसत वर्षा LPA का 108% से अधिक रहने का अनुमान है। यह खरीफ फसलों की बुवाई के लिए अत्यंत सकारात्मक संकेत माना जा रहा है।

खरीज सीजन की बुवाई में बढ़ोतरी की संभावना

मानसून और कृषि के बीच सीधा संबंध होने के कारण इस वर्ष सामान्य से अधिक वर्षा किसानों के लिए राहत का संदेश लेकर आई है। खरीफ सीजन की बुवाई में वृद्धि की संभावना है, जिससे देश की खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा। आईएमडी ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में दो बार मानसून ने जल्दी दस्तक दी है (2022 और 2024)। वर्ष 2005 से आईएमडी द्वारा केरल में मानसून के आगमन का पूर्वानुमान जारी किया जा रहा है, जिसमें 2015 को छोड़कर सभी वर्षों में अनुमान सटीक रहा है। 

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