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बिहार चुनाव को लेकर एक्टिव मोड में चुनाव आयोग, जून में दौरा करेगी टीम, दो से तीन चरणों में हो सकता है मतदान – election commission of india preparation bihar assembly election 2025 training voter list voting phase ntcpbt

बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग ने तैयारियां तेज कर दी हैं. आयोग अब हर बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) को पहचान पत्र देने की तैयारी में है, जिससे वह घर-घर जाक सत्यापन का कार्य कर सकें. बिहार में मतदाता सूची अपडेट करने के लिए अभियान चलाया जाएगा, जिससे 18 साल से अधिक उम्र के लोगों के नाम मतदाता सूची में जोड़े जा सकें. चुनाव आयोग बिहार चुनाव तक इंटीग्रेटेड डैशबोर्ड शुरू कराने की भी तैयारी में है. इसमें आयोग से संबंधित सभी सुविधाएं एक ही जगह उपलब्ध होंगी.

सूत्रों की मानें तो बिहार में विधानसभा चुनाव इस बार दो से तीन चरणों में हो सकते हैं. चुनाव की तारीखें तय करते समय दीवाली और छठ जैसे त्योहार का भी ध्यान रखा जाएगा. बिहार विधानसभा का कार्यकाल 22 नवंबर 2025 तक है और चुनाव आयोग की तैयारी इससे पहले चुनाव की प्रक्रिया पूर्ण कर लेने की है. इससे पहले, 2020 के विधानसभा चुनाव तीन चरणों में और 2015 के चुनाव पांच चरणों में हुए थे. साल 2020 में पहले चरण में 71 विधानसभा सीटों के लिए 28 अक्टूबर 2020 को वोटिंग कराई गई थी.

बिहार चुनाव के दूसरे चरण में 3 नवंबर को 94 विधानसभा सीटों के लिए मतदान हुआ था. तीसरे और आखिरी चरण में 7 नवंबर 2020 को 78 सीटों के लिए वोट डाले गए थे. 10 नवंबर 2020 को वोटों की गिनती हुई थी. विधानसभा चुनाव को लेकर चुनाव आयोग की टीम इस बार जून महीने में बिहार का दौरा करेगी. इस बीच, चुनाव आयोग कर्मचारियों को प्रशिक्षण दे रहा है. बीएलओ को ट्रेनिंग भी दी जा रही है. आयोग की कोशिश है कि जैसे महाराष्ट्र, हरियाणा और दिल्ली में मतदाता सूची को लेकर आरोप लगे, वैसे आरोप बिहार में ना लग सकें.

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चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि 6 से 10 जनवरी के बीच बिहार, हरियाणा और दिल्ली की अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद कोई अपील दायर नहीं की गई है. चुनाव आयोग ने विपक्ष की ओर से लगे आरोपों के बाद कई कदम उठाए हैं. अब डुप्लीकेट EPIC नंबर नहीं होंगे, इन्हें खत्म कर दिया गया है. मृत्यु के आंकड़े रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया से जोड़ दिए गए हैं, ताकि मृतक मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट से हटा दिए जाएं.

वोटरों को सुविधाएं

चुनाव आयोग मतदाताओं को कई नई सुविधाएं देने जा रहा है. अब एक मतदान केंद्र पर 1500 की बजाय अधिकतम 1200 वोटर ही रहेंगे. घनी आबादी वाले इलाकों में अतिरिक्त पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. चुनाव आयोग की ओर से यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि वोट देने के लिए किसी मतदाता को दो किलोमीटर से अधिक की दूरी तय नहीं करनी पड़े. हाई राइज बिल्डिंग्स में भी पोलिंग बूथ बनाए जाएंगे. मतदान केंद्रों के बाहर मोबाइल जमा करने की सुविधा भी उपलब्ध कराई जाएगी. वोटर स्लिप पर सीरियल और पार्ट नंबर बिल्कुल स्पष्ट और बड़े अंकों में लिखे होंगे ताकि ढूंढने में परेशानी ना हो.

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एआई की चुनौती 

चुनाव आयोग इस बार के चुनाव में एआई की चुनौती से निपटने के लिए भी खास तैयारी में है. जल्दी ही चुनाव आयोग में एक सेल का गठन किया जाएगा जहां एआई से जुड़े मुद्दों पर नजर रखी जाएगी. चुनाव आयोग पहले ही राजनीतिक दलों को एडवाइजरी जारी कर चुका है कि वे एआई से बनाई गई प्रचार सामग्री में यह स्पष्ट तौर पर लिखें कि यह एआई से बनाया गया है ताकि मतदाताओं को जानकारी रहे.

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