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बिहार के जमुई जिले के गिद्धौर निवासी दिग्विजय सिंह की आज पंद्रहवीं पुण्यतिथि है. उनके पुण्यतिथि पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा सहित अन्य लोग उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित करने जमुई आ रहे हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि दिग्विजय सिंह का संबंध केवल राजनीति से ही नहीं, बल्कि राजपरिवार से भी रहा है.
दिग्विजय सिंह का जन्म 14 नवंबर 1955 को गिद्धौर में हुआ था. उन्होंने कॉलेज के दिनों में ही राजनीति शुरू कर दी थी. पहली बार वह जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र संघ के अध्यक्ष चुने गए थे. इनका राजनीतिक सफर साल 1990 से प्रारंभ हुआ था जब इन्हें राज्यसभा का सदस्य चुना गया था. इसके बाद साल 1998 में पहली बार इन्होंने समता पार्टी के टिकट पर चुनाव जीता था और लोकसभा पहुंचे थे.

साल 1999 में भी इन्होंने बांका लोकसभा से चुनाव जीता था. 2004 में इन्हें बांका लोकसभा से पराजय का सामना करना पड़ा था. लेकिन 2004 में इन्हें राज्यसभा का सदस्य मनोनीत किया गया था. 2009 में राज्यसभा से इस्तीफा देकर इन्होंने बांका से चुनाव लड़ा और आखिरी बार बांका लोकसभा से सांसद निर्वाचित हुए थे. इसके ठीक एक साल बाद 24 जून 2010 को लंदन में इनका निधन हो गया था.

दिग्विजय सिंह को उनके जानने वाले प्यार से दादा के नाम से बुलाते थे. दिग्विजय सिंह ने बांका जिले में पहली बार रेल लाइन पहुंचाई थी. इसके साथ ही खेल के क्षेत्र में भी दिग्विजय सिंह काफी सक्रिय रहे थे. दिग्विजय सिंह भारतीय राष्ट्रीय राइफल एसोसिएशन के अध्यक्ष रहे थे और ओलंपिक संघ के उपाध्यक्ष भी रह चुके थे. इनकी अध्यक्षता में ही भारत ने ओलंपिक में निशानेबाजी में दो पदक हासिल किए थे.

दिग्विजय सिंह ने अपने राजनीतिक जीवन में कई मंत्रालय का भी पदभार संभाला था. साल 1990 में केंद्रीय उप मंत्री, विदेश मंत्रालय और केंद्रीय उप मंत्री, वित्त मंत्रालय का जिम्मा दिया गया था. दिग्विजय सिंह अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में रेल राज्य मंत्री, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री और केंद्रीय विदेश राज्य मंत्री भी बनाए गए थे. दिग्विजय सिंह अपने व्यवहार के कारण लोगों के बीच खासे लोकप्रिय थे.

दिग्विजय सिंह को संयुक्त राष्ट्र में कई बार भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेता बनाया गया था. फिदेल कास्त्रो, सद्दाम हुसैन, परवेज मुशर्रफ जैसे नेताओं से मिलने के लिए इन्हें भारत सरकार का विशेष दूत बनाकर भी भेजा गया था. दिग्विजय सिंह अपने कार्यकाल के दौरान कई समितियों के भी अध्यक्ष रहे.

दिग्विजय सिंह के परिवार में उनकी पत्नी पुतुल देवी के अलावा दो बेटियां श्रेयसी सिंह और मानसी सिंह हैं. पुतुल देवी बांका लोकसभा से सांसद रह चुकी हैं. जबकि उनकी बेटी श्रेयसी सिंह वर्तमान में जमुई विधानसभा से विधायक हैं. श्रेयसी सिंह निशानेबाजी राष्ट्रमंडल खेल सहित कई स्पर्धाओं में भारत के लिए पदक जीत चुकी हैं. उनका चयन पेरिस ओलंपिक के लिए भी किया गया था और उन्हें अर्जुन अवॉर्ड भी मिल चुका है. जबकि उनकी दूसरी बेटी राजनीति में एक्टिव नहीं हैं.

दिग्विजय सिंह का परिवार गिद्धौर के लाल कोठी में रहता है. हालांकि, उनका पैतृक आवास गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के नया गांव में हैं, जहां उनकी समाधि स्थल बनाई गई है. इसी समाधि स्थल पर आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सहित अन्य लोग उन्हें श्रद्धांजलि देने पहुंचेंगे.